आज हम कहाँ खड़े हैं क्या हम आज भी वही खड़े है जहाँ १७५७ में खड़े थे क्या हम आज भी उसी प्लासी के युद्ध के मुहाने पर खड़े है उस समय तो एक मीरजाफर था आज हर तरफ मीरजाफर ही मीरजाफर खड़े है जो अपने फायदे के लिए पूरे देश को खतरे में डालने से नहीं चूकते हैं आज हमरे देश में हर तरफ घोटालों का बोलबाला है नेता ही नहीं वैज्ञानिक हो या नौकरशाह चाहे वे अभियंता हों या नीतिनिर्माता सभी हर तरफ से भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए है अरे जब इन्होने अपनी देश की सुरक्षा को नहीं बक्सा तो फिर क्या करेंगे जिस देश की सेना के पास पर्याप्त गोला बारूद और रत में लड़ने की शक्ति नहीं है उस देश की रक्षा कैसे होगी वो तो हमारे सैनिक दुनिया के सबसे मेहनतकश सैनिक हैं उन्ही के कारण देश आज इतना सुरक्षित है नहीं तो आज तक हमारा देश कहाँ होता क्या पता इन भ्रष्टों का बस चले तो वे इस देश को कहाँ पंहुचा दे वो तो शुक्र है लोकतंत्र का की एक नेता को घोटाला करने का सिर्फ पञ्च लगातार सालों का मौका मिलता है
Himanshu Singh
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Ok, Thanks